लेख
23-Jul-2024
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बच्चे एक तरह से पौधे की तरह होते हैं। माता पिता माली की तरह, हम जिस तरह से उनकी देखभाल करेंगे हमें वैसा ही परिणाम देखने को मिलेगा। बच्चों में अच्छी आदतों का विकास तभी संभव है जब वे शरारतें कर रहे हों या कई छोटी-छोटी गलतियां कर रहे हों। लेकिन आप उन्हें सही मार्गदर्शन करते हों। कुछ माता-पिता बच्चों की शरारतों, गलतियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं यह सोचकर कि बच्चा अभी छोटा है। फिर यही छोटी-छोटी गलतियाँ उनकी आदतें बन जाती हैं। बचपन की गलतियां उसके भविष्य को प्रभावित करती हैं। बच्चा बड़ा होने पर अपनी गलतियों को सुधार नहीं पाता। क्योंकि यह छोटी छोटी बातें उसकी आदत बन चुकी होती हैं और वह आदतों से मजबूर होता है। माता-पिता को बच्चों को बचपन से ही अच्छी तालीम देनी चाहिए। अगर छोटा बच्चा कोई गलती करता है तो उसे प्यार से समझाएं जैसे - अगर बच्चे ने कोई चीज खराब कर दी या तोड़ दी है तो उसे मारें नहीं। अच्छे संस्कार बच्चे में अच्छे संस्कार घर के माहौल से आते हैं। अगर आप बच्चों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ईमानदारी, सादगी, विनम्रता, बड़ों का सम्मान आदि के लिए सुबह शाम एक घंटे का समय देते हैं, तो आपको अवश्य ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। अतः बच्चे को खिलौना ना दिया जाए, तो वह कुछ समय तक रोएगा। लेकिन संस्कार ना दिए जाएं तो वह जीवन भर रोएगा।। स्वास्थ्य के प्रति सचेत बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता पर निर्भर होते हैं। उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए हमें संतुलित आहार देने की जरूरत होती है। बच्चों को आहार देते समय इसके फायदे भी बताएं। धीरे-धीरे बच्चे इसे अपने भोजन का हिस्सा बना लेंगे। यह उनकी आदत बन जाएगी जो भविष्य में अच्छे स्वास्थ्य में मददगार साबित होगी। बच्चों को बचपन से ही उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि बच्चों का बचपन शिक्षा से जुड़ा रहेगा तो आगे चलकर बच्चा उसी दिशा में अच्छा प्रदर्शन करेगा। मानव जीवन में एक उद्देश्य का होना बहुत ही आवश्यक है कोई भी व्यक्ति बिना लक्ष्य के बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर सकता है। बच्चों को नैतिक शिक्षा प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाने का प्रयास करते हैं लेकिन सफलता तभी संभव है। जब विद्यार्थी शिक्षा के दौरान अपना लक्ष्य बनाए। बच्चों को उनके महापुरुषों के बारे में बताएं कि वे आज विश्वविख्यात क्यों हैं। उनका जीवन संघर्ष आदि। फलीभूत, महापुरुषों की प्रेरणा से बच्चों में एक नई ऊर्जा का संचार हो सके। बच्चों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान देना। ईमानदारी का पाठ पढ़ाना। बच्चों में अच्छी सोच का प्रकाश डालना। बड़ों का सम्मान करना। अपने से कमजोर व्यक्ति को पहचानना। उनका सम्मान करना और समय पर उनकी मदद करना सिखाएं। ताकि बच्चों में मानवीय गुण बरकरार रह सकें। (पत्रकार, लेखक व स्तंभकार) ईएमएस / 23 जुलाई 24