राष्ट्रीय
22-Jul-2024
...


ममता बनर्जी के बयान से सियासत गरमाई, उठने लगे सवाल नई दिल्‍ली,(ईएमएस)। भारत के पड़ोसी दोस्त बांग्‍लादेश आरक्षण विरोधी हिंसा की आग में जल रहा है। इसकी आंच पश्चिम बंगाल में भी महसूस होने लगी है। बांग्‍लादेश की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल में इसकी सियासी गर्मी पहुंचने लगी है। एक रैली में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के दिए बयान ने सियासत गर्मा दी है। दरअसल, ममता बनर्जी ने कहा कि पड़ोसी देश में जारी हिंसा के पीड़ितों के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं और वह उन्‍हें पश्चिम बंगाल में शरण देने के लिए तैयार है। उनके बयान के बाद सियासी भूचाल आ गया है। अब सवाल यह है कि क्‍या राज्‍यों को दूसरे देश से आने वाले शरणार्थियों को शरण देने का अधिकार है? ममता ने बांग्लादेश में संकट में फंसे लोगों को शरण देने की पेशकश के कुछ ही घंटे बाद केंद्र सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि राज्य प्रशासन को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। सूत्रों ने बताया कि ये मामले केंद्र सरकार के अधीन आते हैं। साथ ही सीएम ममता बनर्जी की टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित है। बता दें कोलकाता में एक रैली में अपने संबोधन में सीएम ममता बनर्जी ने हिंसा प्रभावित बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि वह पड़ोसी देश से संकट में फंसे लोगों के लिए पश्चिम बंगाल के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें शरण देंगी। अब केंद्र सरकार के एक सूत्र ने कहा कि ये ऐसे मामले हैं जिन्हें केंद्र सरकार देखती है। केंद्र से जुड़े सूत्र ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है और इसलिए उनकी टिप्पणियां पूरी तरह से गलत हैं। ममता ने अपनी बात के समर्थन में शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लेख किया था। पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है और इस कारण वहां मानवीय संकट की आशंका है। सीएम ममता ने कहा कि मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है। सिराज/ईएमएस 22जुलाई24