राज्य
17-Jul-2024
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वाराणसी (ईएमएस)। धम्मा लर्निंग सेंटर, सारनाथ के भिक्षु चँदिमा थेरो के नेतृत्व में 300 भिक्षु, संघ का एक दल 10 जुलाई, 2024 से 22जुलाई, 2024 वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है एवं रात्रि विश्राम कर धम्म देशना एवं तथागत भगवान बुद्ध के उपदेशों को जन - जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। पदयात्रा के समय भिक्षु संघ के चरणों में पुष्पों की लोग वर्षा करते है, और भगवान बुद्ध की जयकारा लगाते है। जगह- जगह रात्रि पड़ाव के समय बौद्ध धर्म अनुआयिओ द्वारा दिन में बारह बजे के पूर्व जल -जलपान एवं भोजन का प्रबंध किया जाता है। भिक्षुओं के धर्मोपदेश में केवल बौद्ध विचार धारा के लोग ही नहीं बल्कि, सिख, इशाई, जैन,हिन्दू व मुश्लिम समुदाय के लोगो की भी सहभागिता रहती है।भिक्षु संघ आज सिगरा, वाराणसी से सुबह सुरभि, पहड़िया के लिया प्रस्थान कर गया। आज रात्रि सुरभि पहड़िया में रात्रि विश्राम एवं धम्म देशना का कार्यक्रम होगा। वाराणसी का धम्मा लर्निंग सेंटर बौद्ध धर्म के नव प्रवेशी लोगों के लिए शिक्षण - प्रशिक्षण का कार्य कर रहा है।यहां लगभग 60 भिखु बौद्ध धम्म की शिक्षा- दीक्षा प्राप्त कर रहे है। धम्मा लर्निंग सेंटर स्वदेश के नागरिकों द्वारा संचालित एकमात्र केंद्र है। सारनाथ (वाराणसी )में अन्य कई प्रशिक्षण केंद्र है विदेशो द्वारा संचालित है। चँदिमा थेरो द्वारा 2022 में वाराणसी से श्रावस्ती की 16 नवंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक एवं वर्ष 2023 में वाराणसी से लुम्बिनी (नेपाल )की 19 दिवसीय पदयात्रा 29 नवंबर 2023 से 17 दिसंबर, 2023 तक की गयी थी। लुम्बिनी पहुंचने पर भिक्षु संघ का राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया था। चँदिमा थेरो ने बताया की हमारी तीनों पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य धार्मिक एकता एवं सामाजिक सौहार्द स्थापित करना है। पदयात्रा का उद्देश्य तथागत बुद्ध के अहिंसा, करुणा एवं मैत्री के सन्देश को जन- जन तक पहुँचाना है। चँदिमा ने बताया की पदयात्रा के कई रात्रि पडावो में मुस्लिम समुदाय तथा कई पड़ावो में सभी समुदाय के लोगों ने संयुक्त रूप से भिक्षु संघ को भोजन दान किया था और किया जा रहा है। चँदिमा ने बताया की लोगों के हाव -भाव से ऐसा लग रहा है कि लोग भगवान बुद्ध के आदर्शो को अपने जीवन में उतरना चाहते हों। .../ 17 जुलाई /2024