ज़रा हटके
17-Jul-2024
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-अमेरिकी मुद्रा टॉप 5 में भी नहीं नई दिल्ली (ईएमएस) । क्या आपको मालूम है, कुवैती दिनार दुनिया की सबसे मूल्यवान मुद्रा है। 1 कुवैती दिनार की कीमत करीब 271 भारतीय रुपये के बराबर है। कुवैती दिनार इतना मूल्यवान क्यों है, इसके पीछे कई कारण हैं। उनमें से एक प्रमुख कारण है कि इसका तेल निर्यातक होना। कुवैत दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में से एक है। चूंकि तेल ग्लोबल कमोडिटी है और इसकी मांग अक्सर अधिक रहती है। ऐसे में कुवैती दिनार की मांग भी बढ़ जाती है। इसके चलते दिनार का मूल्य बढ़ जाता है।दिलचस्प यह है कि जिस डॉलर का दबदबा पूरी दुनिया मानती है, वह टॉप 5 मूल्यवान में भी शामिल नहीं है। कुवैती दिनार के बाद बहरीन दिनार का नंबर आता है। एक बहरीन दिनार का मूल्य करीब 221 भारतीय रुपये के बराबर है। दुनिया की सबसे मूल्यवान करेंसी में बहरीन के बाद तीसरे नंबर पर ओमानी रियाल है। चौथे पर जॉर्डनियन दिनार और पांचवें पर जिब्राल्टर पाउंड है। यानी डॉलर टॉप 5 में भी नहीं है।कुवैती दिनार के इतना मूल्यवान होने के पीछे कई कारण हैं। इनमें तेल निर्यात, राजनीतिक स्थिरता और कुवैत का छोटी अर्थव्यवस्था होना शामिल है। दरअसल, कुवैत दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में शुमार है। तेल एक वैश्विक वस्तु है। इंटरनेशनल मार्केट में इसकी मांग बनी रहती है। इस तरह कुवैती दिनार की मांग भी बढ़ जाती है। यही कारण है कि इसका मूल्य बढ़ जाता है। इसके अलावा कुवैत अपेक्षाकृत राजनीतिक रूप से स्थिर देश रहा है। यह निवेशकों को आकर्षित करता है और मुद्रा को मजबूत करता है। तीसरी वजह यह है कि कुवैत अपेक्षाकृत छोटी अर्थव्यवस्था है। इसका मतलब है कि मुद्रा की आपूर्ति सीमित है। सीमित आपूर्ति ऊंची मांग के साथ मिलकर मुद्रा के मूल्य को बढ़ाती है।करेंसी के मूल्यों पर असर डालने वाले फैक्टर की बात करें तो एक मजबूत अर्थव्यवस्था वाली मुद्रा का मूल्य आमतौर पर अधिक होता है। ऊंची ब्याज दरें विदेशी निवेश को आकर्षित करती हैं, जिससे मुद्रा की मांग बढ़ती है और इसका मूल्य बढ़ जाता है। इसके अलावा ऊंची मुद्रास्फीति वाली मुद्रा का मूल्य समय के साथ कम होता जाता है। सुदामा/ईएमएस 17 जुलाई 2024