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06-Jul-2024
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53 साल के बाद 1 ही दिन में देश मनाएगा 3 उत्सव भुवनेश्वर (ईएमएस)। भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी में रथ यात्रा की तैयारी पूरी हो चुकी है। रविवार को भगवान मंदिर से निकलकर अपने भक्तों को दर्शन देने वाले है। इस दिन देश-दुनिया से करीब 15 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। सुरक्षा को देखकर संपूर्ण नगरी का बीमा कराया गया है। पुरी मंदिर के सुरक्षा अधिकरी ने बताया कि रथ यात्रा के दिन मंदिर के अंदर 1000 से अधिक जवान सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाले है। सड़क किनारे जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। वहीं मंदिर प्रबंधन की ओर से बताया गया कि रथ यात्रा के दौरान श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से पूरे म्यूनिसिपल एरिया का बीमा कराया जाता है। रथ यात्रा के दौरान किसी हादसे में मौत होने पर 5 लाख रुपए मुआवजा देने का प्रावधान है। इस बार रथ यात्रा में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू शामिल हो रही हैं। वे दो दिनों तक पुरी में रहेंगी। इसकारण सुरक्षा व्यवस्था ज्यादा मजबूत है। इसके अलावा प्रदेश के सभी विधायक, सांसद दर्शन के लिए पहुंच रहे है। जिला प्रशासन ने बताया कि 180 प्लाटून फोर्स की तैनाती की गई है। पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग रथ यात्रा के दिन व्यवस्था बनाने में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली गई है। यात्रा के दिन बहुत ही ज्यादा ट्रैफिक का दबाव रहेगा। अनुमान के अनुसार 500 बसों, 5000 अन्य गाडिय़ां और 20 हजार दोपहिया वाहन आएंगे। इन्हें संभालने के लिए हाइवे और पुरी शहर में 40 जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। एआई के माध्यम से गाडिय़ों की गणना, जाम से बचाने और ट्रैफिक के फ्लो को बनाए रखने का काम होगा। जगह-जगह एलईडी स्क्रीन लगाकर पार्किंग, पास और अन्य जानकारी दी जाएगी। यातायात प्रबंधन के साथ लोगों को संबोधित करने के लिए पहली बार ड्रोन का उपयोग होगा। एक करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद पूजापंडा समिति के अध्यक्ष माधव चंद्र पूजापंडा ने बताया कि 7 से 17 जुलाई तक दुनियाभर से एक करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद है। इसके लिए पुरी शहर पूरी तरह से तैयार है। अगले चार दिन के लिए शहर के सभी होटल-लॉज बुक हो चुके हैं। पुरी होटल एसोसिएशन के अनुसार, शहर में 6000 से अधिक छोटे-बड़े होटल और 2000 से अधिक लॉज हैं। किराया तीन दिन के पैकेज के आधार पर तय हुआ है। यह आम दिनों की अपेक्षा दो से तीन गुना अधिक है। 53 साल बाद ऐसा मुहूर्त 53 साल बाद ऐसा मुहूर्त आया है कि जब एक ही दिन तीन उत्सव होने है। भगवान का नवयौवन दर्शन, नेत्रोत्सव और रथयात्रा रविवार को निकलेगी। रविवार सुबह 2 बजे से ही मंगलआरती से रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत होगी। इस दौरान मंदिर के अंदर सेवा देने वाले पुजारियों के अलावा और कोई नहीं रहेगा। करीब 2.30 बजे भगवान का स्नान होगा। हालांकि यह दोनों रस्म भगवान की प्रतिमूर्ति के साथ होगी। भगवान जगन्नाथ बीमार होने के 15 दिन बाद स्वस्थ हुए हैं, तब तक उनकी प्रतिमूर्ति की पूजा हो रही थी। इसके बाद भगवान का पट खुलेगा और चंदन लगाने का विधान होगा। खिचड़ी प्रसाद और सेना पोटा लागी विधान में 4 से 5 घंटे लग जाएंगे। इसके बाद मंगला अर्पण होगा। दोपहर 12.30 बजे पहंडी निकलेगा। भगवान मंदिर से निकलकर रथ पर सवार होगा। इसके बाद उनका श्रृंगार होगा। इस तरह दोपहर 2.30 बजे तक भगवान तैयार होगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य पूजापंडा ने बताया कि शाम 5 बजे गजपति महाराज यानी पुरी के राजा दिव्यसिंह देबा छेरा पहरा विधान यानी झाड़ू लगाएंगे और रथ यात्रा शुरू हो जाएगी। सबसे आगे बलभद्र जी का रथ होगा और उनकी गति से ही तय होगा कि यात्रा एक दिन में पूरी होगी या नहीं। बलभद्र जी के पीछे बहन सुभद्रा का रथ रहता है। सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ। अगले दिन सोमवार को स्नान और मंगलआरती के बाद फिर से यात्रा शुरू होगी। भक्तों की सुरक्षा का विशेष ध्यान मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य पूजापंडा ने बताया कि रथ यात्रा के दौरान दोनों तरफ पर्याप्त जगह रखी जाती है। यह किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति में एंबुलेंस के ग्रीन कोरिडोर बनाने के लिए रहता है। लगातार पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाता है। गर्मी रहने पर आगे-आगे पानी का छिड़काव किया जाता है। जगह-जगह मेडिकल पोस्ट बनाए गए हैं। एक साथ 10 से 15 लाख लोगों के आने पर मोबाइल नेटवर्क को लेकर समस्या आती है। इसके लिए प्रशासन ने टेलीकॉम कंपनियों से कहकर अस्थायी मोबाइल टावर लगवाए हैं। 24 घंटे बिजली की उपलब्धता रहेगी। आशीष दुबे / 06 जुलाई 2024