राज्य
28-Jun-2024
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- नारायण निर्यात इंडिया कंपनी पर लिया एक्शन, बैंक से लिया लोन डायवर्ट कर करते रहे खरीदारी भोपाल (ईएमएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल ने मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के मामले में 26.53 करोड़ रुपए अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कार्यवाही धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत बीते दिनों की गई है। ईडी ने सीबीआई, व्यापमं भोपाल द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर जांच शुरू की थी। इसके बाद मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया। इस कंपनी के विरुद्ध फरवरी 2024 में छापेमारी की कार्यवाही भी की गई थी। ईडी को जांच में पता चला कि मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एनएनआईपीएल) के कैलाश चंद्र गर्ग और अन्य ने अपने डॉयरेक्टर के माध्यम से विभिन्न लोन सुविधाओं का लाभ उठाया था। इनके द्वारा 110.50 करोड़ रुपए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) और एक्सपोर्ट पैकिंग क्रेडिट के रूप में यूको बैंक से सोया डी-ऑयल केक की खरीद और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसके निर्यात के उद्देश्य से लिए गए। एलसी की राशि वर्ष 2012 में 54.96 करोड़ रुपये हस्तांतरित की गई। जांच में यह बात सामने आई कि मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खाते में करोड़ों रुपये बकाया थे, जिसके चलते लोन की राशि बकाया थी और ब्याज समेत एनपीए 113.51 करोड़ हो रहा है। लोन का पैसा दूसरे काम में खर्च किया ईडी को जांच से पता चला कि कंपनी ने इस उद्देश्य के लिए फंड का उपयोग नहीं किया। कंसोर्टियम से लोन प्राप्त करने के लिए इसे स्वीकृत किया गया। फर्जी दस्तावेज बैंक को दिए गए। कंपनी ने बैंकों के साथ धोखाधड़ी की और एलसी वईपीसी के माध्यम से प्राप्त राशि को इधर-उधर कर दिया। इस कंपनी सहयोगी कंपनियों पद्मावती ट्रेडिंग कंपनी, मंदसौर सेल्स कॉर्पोरेशन, रामकृष्ण सॉल्वेक्स प्राइवेट लिमिटेड और धुलतावाला एक्ज़िम प्राइवेट लिमिटेडने बिना किसी माल को लिए लेनदेन किए। लोन की रकम डायवर्ट कर खरीदारी करते रहे जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मेसर्स नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक से 113.51 करोड़ की धोखाधड़ी की और बैंकों को हानि पहुंचाई है। इसके अलावा ईडी की जांच से पता चला कि डायवर्ट की गई लोन की रकम का इस्तेमाल खरीदारी के लिए किया गया था। समूह की कंपनियों के नाम पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में अचल संपत्तियां बनाई गई हैं। ये संपत्तियां मेसर्स मेडारिया मेडिकल टूरिज्म प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स मेपल ओवरसीज ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स वर्धमान सॉल्वेंट के रूप में सामने आई हैं। जांच के दौरान एक्सट्रैक्शन इंडस्ट्रीज लिमिटेड मेसर्स समूह की कंपनियों के नाम पर हैं। इस तरह कुल 34 संपत्तियां मिलीं हैं। नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की पहचान मध्यप्रदेश के इंदौर, रतलाम और मंदसौर और महाराष्ट्र के अकोला जिले में की गई थी। विनोद / 28 जून 24