13-Apr-2024
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिनभर की थकान के बाद हर किसी की चाहत होती है कि वे अपने घर पहुंचकर सुकून की नींद लें। हालांकि,कई बार आपकी नींद अधूरी रहती है, इतना ही नहीं रात भर बेचैनी महसूस होती है। इसका मुख्य कारण अक्सर हमारा खानपान होता है। गर्मी के दिनों में जब हमारा शरीर अधिक ताप और उमस से ग्रसित रहता है, तब रात्रि का भोजन हमारी सेहत पर गहरा असर डालता है। इस मौसम में रात को हल्का और पौष्टिक आहार लेना चाहिए, जो न सिर्फ आसानी से पच जाए, बल्कि शरीर को आवश्यक न्यूट्रिएंट्स भी प्रदान करे। विशेषज्ञ की मानें तब आयुर्वेद के अनुसार सुबह का नाश्ता भारी होना चाहिए और दोपहर का भोजन हल्का होना चाहिए, जबकि रात में फिर से हल्का भोजन करना चाहिए। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रात्रि में हमारी आंतें भी विश्राम करती हैं, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है। आम तौर पर भारतीय आहार में यह देखने को मिलता है कि शाम के समय भरपूर भोजन किया जाता है। इसकारण यह जरूरी है कि हमें रात में भारी भोजन से बचना चाहिए और प्रयास करना चाहिए कि दिन ढलने से पहले या शाम 7 से 8 बजे तक हमारा भोजन हो जाए। शाम का भोजन हल्का होना चाहिए, जैसे कि अगर भूख 4 रोटी की है, केवल 2 रोटी ही खानी चाहिए। इसके अतिरिक्त भोजन करने के कम से कम 2 घंटे बाद ही सोना चाहिए। रात के समय तला-भुना और भारी खाना खाने से सेहत को कई तरह की नुकसान भुगतने पड़ सकते हैं। इस प्रकार का भोजन पचने में भारी होता है, जिससे नींद में खलल पड़ सकता है और आप रात भर असहज महसूस कर सकते है। इसके अलावा, ज्यादा तली हुई चीजें खाने से पेट में गैस, एसिडिटी और अपच की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ये समस्याएं न केवल आपकी नींद को प्रभावित करती हैं, बल्कि आपके पाचन तंत्र पर भी बुरा असर डाल सकती हैं। रात के समय कैफीन युक्त पेय पदार्थ जैसे कि कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन नहीं करना चाहिए। कैफीन हमें लंबे समय तक सक्रिय बनाए रखती है, जिसके कारण नींद न आने की समस्या हो सकती है। जबकि यह आपकी नींद की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है, जिससे अगले दिन आपको थकान महसूस हो सकती है। रात के समय जंक फूड और फास्ट फूड खाने से बचें, क्योंकि यह खाना जल्दी पचता नहीं है। इसमें बहुत ज्यादा फैट होता है। आशीष/ईएमएस 13 अप्रैल 2024