-कांग्रेस नेता ने अमेरिका में विवि के छात्रों को बताई भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने की वजह सैन फ्रांसिस्को (ईएमएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका जाकर बताया कि भारत जोंड़ो यात्रा शुरु करने के पीछे क्या मकसद था। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि यात्रा शुरू करने का फैसला इसलिए किया क्योंकि लोगों से जुड़ने के लिए हमें जितने भी साधनों की जरूरत थी, उन सभी पर भाजपा-आरएसएस का नियंत्रण था। राहुल गांधी मंगलवार सुबह अमेरिका के अपने छह दिवसीय दौरे की शुरुआत करते हुए सैन फ्रांसिस्को पहुंचे। इस दौरान उनका अमेरिकी सांसदों, थिंक टैंकों से मिलने और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और हार्वर्ड क्लब में व्याख्यान देने का कार्यक्रम था। गौरतलब है कि वह वर्तमान में एक साधारण पासपोर्ट पर यात्रा कर रहे हैं, क्योंकि लोकसभा सांसद के रूप में उनकी अयोग्यता के बाद उन्हें अपना राजनयिक पासपोर्ट जमा करना पड़ा था। मंगलवार शाम को अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि कुछ महीने पहले हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पदयात्रा शुरू की थी। इससे पहले हमने पाया कि राजनीति के लिए अब तक हम जिन सामान्य साधनों का इस्तेमाल करते थे, जैसे जनसभाएं भारत में काम नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा, राजनीति करने के लिए हमें जितने भी उपकरणों की जरूरत थी, उन पर भाजपा और आरएसएस का नियंत्रण था। हमने भारत के सबसे दक्षिणी छोर से चलने का फैसला किया। जब यात्रा शुरू की थी तो पांच-छह दिन के बाद हमने महसूस किया कि 4,000 किमी चलना आसान बात नहीं है। मेरे घुटने में पुरानी चोट थी, जिसमें दर्द हो रहा था, लेकिन मैंने खुद से कहा कि मेरे पास दर्द के बावजूद चलने के अलावा कोई चारा नहीं है। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान राहुल ने कहा कि यात्रा के दौरान फिर मैंने ध्यान देना शुरू किया कि 25 किमी चलने के बाद मुझे तनिक भी थकान नहीं हो रही थी। हम सुबह 6 बजे चलना शुरू कर देते थे और शाम 7.30 बजे पैदल चलना बंद कर देते थे और हमने पैदल चलने वालों से पूछा कि क्या वे थके हुए हैं, उन्होंने भी कहा कि वे थके नहीं हैं। उन्होंने कहा, मुझे एहसास हुआ कि वास्तव में क्या चल रहा था। यह हम नहीं चल रहे थे, यह भारत चल रहा था। और बड़ी संख्या में सभी क्षेत्रों से आने वाले लोग प्यार और स्नेह का माहौल बना रहे थे। हर कोई एक साथ चल रहा था और यहीं से हमें आइडिया आया, नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलनी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी इस यात्रा के खिलाफ हर संभव कोशिश की, लेकिन समर्थन बढ़ता गया। पीएम मोदी पर कसा तंज राहुल गांधी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में जो हमला हो रहा है, वह हमारे जीने के तरीके पर हो रहा है। विभिन्न भाषाओं और विभिन्न लोगों पर हमला किया जा रहा है, यह कहते हुए कि सभी महान विचारकों और गुरुओं ने इस बात पर बल दिया कि व्यक्ति को इस धारणा में नहीं रहना चाहिए कि वह सब कुछ जानता है। राहुल गांधी ने कहा, दुनिया बहुत बड़ी है और किसी भी व्यक्ति के लिए यह समझने के लिए बहुत जटिल है कि वह सब कुछ जानता है। यह एक बीमारी मात्र है कि भारत में लोगों को लगता है कि वे सब कुछ जानते हैं। वे सोचते हैं कि वे भगवान के साथ बैठे हैं और बातचीत कर रहे हैं कि क्या हो रहा है, निश्चित रूप से प्रधानमंत्री एक ऐसे ही शख्स हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा से मैंने जो सबसे बड़ा सबक सीखा है, वह यह है कि हमें हर किसी से सीखने के लिए बहुत कुछ है। कांग्रेस नेता ने कहा, हम कांग्रेस के रूप में भारत को एक निष्पक्ष स्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम मानते हैं कि दलितों, आदिवासियों, गरीब लोगों, अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के मामले में भारत आज एक उचित जगह नहीं है। बहुत कुछ किया जा सकता है। राहुल गांधी ने कैलिफोर्निया में सिलिकॉन वैली में उद्यम पूंजीपतियों, तकनीकी अधिकारियों और छात्रों से मुलाकात कर वहां के हालाता जाने। एयरपोर्ट पर लाइन में लगकर 2 घंटे किया इंतजार कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेरिका रवाना होने से पहले दो घंटे इंतजार करना पड़। क्योंकि राहुल अब संसद के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है इसलिए सैन फ्रांसिस्को एयरपोर्ट पर जनरल पासपोर्ट होने की वजह से उन्हें सामान्य यात्रियों की तरह काफी देर तक अपने सामान का इंतजार भी करना पड़ा। हालांकि राहुल गांधी के कतार में इंतजार करने के दौरान उसी उड़ान में उनके साथ यात्रा कर रहे कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली। जब लोगों ने उनसे पूछा कि वह कतार में क्यों खड़े हैं तो राहुल ने कहा कि मैं एक आम आदमी हूं। मुझे यह पसंद है। मैं अब कोई सांसद नहीं हूं। राहुल सैन फ्रांसिस्को में प्रतिष्ठित स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत करने के बाद वह वाशिंगटन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करके सांसदों तथा संस्थानों से जुड़े लोगों के साथ बैठक करेंगे। अमेरिका की अपनी एक सप्ताह की यात्रा के बाद 4 जून को न्यूयॉर्क में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के साथ अपनी यात्रा समाप्त करने वाले हैं। महेश/ ईएमएस 31 मई 2023