10-May-2023
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- तंत्र विद्या सीखने वाले साधक करेंगे अनुष्ठान उज्जैन (ईएमएस)। विधि-विधान से 12 मई को कालाष्टमी मनाई जाएगी। कालाष्टमी की रात तंत्र विद्या सीखने वाले साधक महाकाल के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा-अर्चना कर सिद्धि प्राप्त करने के लिए अनुष्ठान करते हैं। प्रचलित मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है तो उसके जीवन में आ रहे कष्ट, संकट, काल और दुख समाप्त हो सकते हैं। निर्मल भाव से महाकाल के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। -कालाष्टमी व्रत, पूजा विधि और मंत्र का विधान हिंदू पंचांग के अनुसार कालाष्टमी 12 मई को सुबह 9.06 मिनट पर आरंभ हो रही है, जिसका समापन अगले दिन यानी 13 मई 2023 को सुबह 6.50 मिनट पर होगा। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार काल भैरव की पूजा रात में करना शुभ माना गया है, जिसके अनुसार 12 मई को कालाष्टमी मनाई जा रही है। इसलिए 12 मई को ही व्रत रखा जाएगा।