राज्य
27-Apr-2023
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आरोपी के हवालात में आग लगाकर खुदकुशी करने का मामला भोपाल(ईएमएस)। राजधानी के कटारा हिल्स थाने में साल 2019 में छेड़छाड़ के एक मामले में गिरफ्तार आरोपी द्वारा हवालात में आग लगाकर खुदकुशी किये जाने के मामले में पुलिस ने तत्कालीन टीआई सहित चार लापरवाह पुलिसकर्मियो के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। हालांकि यह सारी कार्यवाही गुपचुप ढंग से की गई है, जिसकी जानकारी शहर की मीडिया से भी छुपाई गई। ज्यूडीशियल जांच के बाद यह सामने आया है कि पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के लापरवाही से यह घटना हुई थी। जिसमें तत्कालीन थानेदार समेत चार पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया। जानकारी के अनुसार थाने की हवालात में आगजनी की घटना 26 फरवरी, 2019 को हुई थी। पुलिस ने 28/19 धारा 354- घ/376-2-एन/506/3/4 (छेड़छाड़, बलात्कार, धमकाने और पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में बागसेवनिया थाना क्षेत्र के बागमुगालिया स्थित पुरानी बस्ती में रहने वाले आरोपी 25 वर्षीय राजकुमार उर्फ आरके परमार पिता प्यारेलाल परमार को गिरफ्तार किया गया था। आरके परमार को हिरासत में लेकर हवालात में रखा गया था। हवालात में ही उसने खुद को आग लगा ली थी, हालांकि उसने कब और कैसै आग लगाई इसकी भनक थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को नहीं लग सकी थी। उस समय ठंड होने के कारण ओढ़ने के लिए कंबल दिया गया था। जिसमें आग लगाकर उसने खुदकुशी कर ली थी। बाद में उसे गंभीर हालत में इलाज के लिये पहले हमीदिया फिर बंसल अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी हालत लगातार नाजूक होती गई, आखिरका 1 मार्च, 2019 को राजकुमार उर्फ आरके परमार ने दम तोड़ दिया था। अस्पताल के डॉक्टर से मिली सूचना के बाद कटारा हिल्स पुलिस ने मर्ग कायम किया था। मामला कस्टोडियल डेथ का था, इसलिए न्यायिक जांच के आदेश दिए गए थे। यह रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर कार्यालय में लंबित थी। जिस पर 11 अप्रैल, 2023 को अगली कार्रवाई करने के आदेश दिए गए। हवालात में आग लगाने की इस सनसनीखेज घटना में तत्कालीन थाना प्रभारी केएल दांगी, हवलदार 2228 भानू प्रताप, हवलदार 2589 सुभाष त्यागी और आरक्षक 3671 राघवेंद्र की लापरवाही पाई गई। इसके बाद पुलिस अधिकारियों द्वारा कटारा हिल्स थाने में ही धारा 304-ए का प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए गए। जानकारी के अनुसार टीआई केएल दांगी को उस समय थाने से हटा दिया गया था। वहीं हवलदार भानू प्रताप, हवलदार सुभाष त्यागी और आरक्षक को भी लाइन हाजिर कर दिया गया था। जांच में पता चला है कि मृतक राजकुमार परमार तक माचिस लापरवाही से पहुंची थी। यानि कि गिरफ्तारी के बाद सही तरीके से उसकी तलाशी नहीं ली गई थी। जुनेद / 27 अप्रैल