-अधीक्षक सहित आधा दर्जन अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरी, कई वार्डन भी सस्पेंड बांदा (ईएमएस)। पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की आवभगत कई अधिकारियों को महंगी पड़ गई है। मुख्तार अंसारी के बांदा जेल में बंद होने के कारण जेल के कई अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। इसके बाद भी 2 माह पहले अधीक्षक की कुर्सी संभालने वाले अविनाश गौतम ने सबक नहीं लिया। मुख्तार अंसारी की खुशामद करने के कारण ही उनकी भी कुर्सी चली गई। इनके निलंबन के बाद एक बार फिर बांदा जेल में आने से जेल अधिकारी डरेंगे। निलंबन के बाद इनके कार्यकाल के दौरान मुलाकात से लेकर खानपान तक जेल मैनुअल के मुताबिक हुए या नहीं, इसके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को 7 अप्रैल 2021 को कड़ी सुरक्षा में लाकर बांदा की जेल में शिफ्ट किया गया था। उनके आने के बाद दो अधीक्षक, दो जेलर, दो डिप्टी जेलर समेत कई जेल वार्डन सस्पेंड हो चुके हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम सिर्फ 2 माह 4 दिन ही इस जेल में रहे। उन्हें भी शासन ने निलंबित करके वापस भेज दिया है। इसके पहले भी कई जेल अधिकारी लपेटे में आ गए थे, जिससे 15 माह 13 दिन यहां जेल अधीक्षक की कुर्सी खाली रही और अतिरिक्त प्रभार से जेल का काम का चलता रहा। गौरतलब है कि फरवरी माह में अविनाश गौतम ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक की कुर्सी संभाली थी। इनके पहले मुख्तार अंसारी के जेल में बंद होने की वजह से जेल के अधिकारी जेल अधीक्षक की कुर्सी संभालने से बचते रहे हैं। बड़ी मुश्किल में अविनाश गौतम ने चार्ज संभाला और मात्र 2 महीने 4 दिन में उन्हें चलता कर दिया गया। बताते चलें कि पंजाब की जेल से जब बांदा में अंसारी को शिफ्ट किया गया था। उस वक्त यहां प्रभारी जेल अधीक्षक प्रमोद त्रिपाठी की तैनाती थी। मुख्तार की शिफ्टिंग के 38 दिन बाद 17 मई 2021 को उन्नाव कारागार में तैनात सीनियर सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार सिंह को बांदा जेल भेजा गया। वह चार माह 29 दिन रहे। 17 अक्तूबर को वह मेडिकल लीव पर चले गए और नहीं लौटे। 11 नवंबर को उन्हें लखनऊ स्थित संपूर्णानंद कारागार से अटैच किया गया। उनके बाद यहां की जिम्मेदारी के लिए दो और सुपरिटेंडेंट की पोस्टिंग हुई, पर दोनों ने ज्वाइन नहीं किया। 11 नवंबर 2021 को बरेली कारागार के सुपरिटेंडेंट विजय विक्रम सिंह की पोस्टिंग बांदा के लिए की गई, पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। गृह विभाग ने उनको 29 नवंबर को सस्पेंड करने के साथ संपूर्णानंद कारागार से संबद्ध कर दिया। इस तरह एक के बाद एक अधिकारी आते गए और निलंबित होग गए। इस बारे में जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का कहना है कि पूर्व में जेल में मजिस्ट्रेट द्वारा की गई जांच के आधार पर शासन द्वारा कार्रवाई की गई है।