राष्ट्रीय
31-Mar-2023
...


-आईआईटी मद्रास ने बनाया त्रिआयामी पेपर-आधारित पोर्टेबल डिवाइस नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के अनुसंधानकर्ताओं ने दूध की शुद्धता परखने के लिए एक अनोखा अनुसंधान किया है। आईआईटी मद्रास ने एक ऐसे त्रिआयामी (3-डी) पेपर-आधारित पोर्टेबल डिवाइस का आविष्कार किया है, जो 30 सेकंड के भीतर दूध में मिलावट का पता लगा सकता है। अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार इसका परीक्षण घर पर किया जा सकता है और यह डिवाइस दूध में यूरिया, डिटर्जेंट, साबुन, स्टार्च, हाइड्रोजन परऑक्साइड, सोडियम-हाइड्रोजन-कार्बोनेट, नमक एवं अन्य मिलावटी चीजों का पता लगा सकता है। उल्लेखनीय है कि देश में मिलावटी दूध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में इस डिवाइस से आम उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकती है। देश के सभी वर्गों के लिए दूध सबसे सेहतमंद पेय पदार्थों में से एक माना जाता है, इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस और पोटाशियम पाए जाते हैं, लेकिन दूध की शुद्धता को लेकर लोगों के मन में संशय बना रहता है। देश की राजधानी दिल्ली एवं मुंबई सहित कई बड़े शहरों में कम उपलब्धता के कारण भी बाजार में दूध में मिलावटें की जाती हैं। दूध में मिलावट का आम आदमी पहचान नहीं कर पाता है, जिससे इसकी पौष्टिकता पर नकारात्मक असर के साथ-साथ लोगों के सेहत के साथ भी खिलवाड़ किया जाता है। सरकार की मंजूरी के बाद भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास की डिवाइस को सभी लोगों के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। हाल के कुछ वर्षों से खाद्य पदार्थों में मिलावट होना आम बात हो गई है। चाहे खाद्य पदार्थ शुद्ध भी हो, लेकिन मिलावट का डर खरीदने के बाद भी बना ही रहता है। कुछ लोग बाजार से दूध खरीदकर उसका सेवन करते हैं तो उनको लगता है कि यह दूध सही और शुद्ध होगा या नहीं। - गांव-देहात में दूध की जांच का नायाब तरीका हालांकि, गांव-देहात से लेकर शहरों में मिलावटी दूध तथा दूध से बने पदार्थों में मिलावट का पता लगाने की कई विधि बताई जाती है, जैसे आप दूध में पानी की मिलावट का पता लगाने के लिए किसी चिकनी सतह पर दूध की कुछ बूंदे गिराते हैं तो बूंदे बगैर निशान छोड़े तेजी से आगे बढ़ जाए तो इसमें पानी मिला हुआ है। वहीं दूध अगर शुद्ध होगा तो वे बूंदे धीरे-धीरे बढ़ेगी और सफेद धब्बा छोड़ जाएगी।