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आयुष्मान भारत योजना गेमचेंजरः मनसुख मंडाविया
05/08/2022
नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना गेमचेंजर साबित हुई है। उन्होंने भारत के विशाल वैक्सीन अभियान, प्रिवेंटिव मॉड्यूल और डिजिटल हेल्थ मिशन को लेकर उपचार को आमजन तक सुलभ और सस्ता बनाए जाने के बारे में बताया। भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान की सफलता पर उन्होंने कहा, मैं इस सफलता को केवल 18 महीने में 200 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के चश्मे से नहीं देखता। भारत के कोविड टीकाकरण अभियान की सफलता की कहानी वैक्सीन के रिसर्च, उसके डेवलपमेंट और प्रोडक्शन, स्वदेशी संसाधनों के विकास, वितरण और प्रशासन पर बनी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, संक्षेप में यह आत्मनिर्भर भारत को परिभाषित करता है। जब 17 सितंबर, 2021 को मध्यरात्रि तक कोविड वैक्सीन की 2.5 करोड़ से अधिक खुराकें दी गईं, तो यह एक दिन का सर्वोच्च टीकाकरण बन गया। यह एक व्यक्तिगत मील का पत्थर था। मैं एक गांव से हूं, जहां वैक्सीन के बारे में सुनना अपने आप में एक बड़ी बात थी। इतनी विशाल आबादी का टीकाकरण करवाना एक बड़ी चुनौती थी। आज गांवों में टीके उपलब्ध हैं। लगभग 73 प्रतिशत ग्रामीण आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनियो मोडर्ना और फाइजर के भारत में नहीं आने के बारे में कहा, हमने किसी को देश में आने से नहीं रोका। हमने उनसे सिर्फ अपने टीके बेचने के लिए भारत में पंजीकरण कराने के लिए कहा था, लेकिन उन्हें आपत्ति थी। वे क्षतिपूर्ति और संप्रभु गारंटी संबंधी नियमों में छूट चाहते थे। लेकिन हमने स्थानीय नियमों और कानूनों के अनुपालन पर जोर दिया। इसके अलावा, तब तक भारतीय कंपनियों ने बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया था, इसलिए उन्होंने दौड़ जीत ली।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, आयुष्मान भारत को मजबूत करने के बाद, हम देश के 22 एम्स में आयुष्मान भारत केंद्र स्थापित करके स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने पर विचार करेंगे। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा मुफ्त है और गरीबों को किसी न किसी योजना के तहत कवर किया जाता है। लेकिन योजनाएं सीधे तौर पर काम नहीं करती हैं। समय के साथ, हमें सुधार की आवश्यकता होगी। इस देश में किसी गरीब की मौत इलाज के अभाव में नहीं होनी चाहिए। एक नया ओटीपी जनरेट होने तक डॉक्टर किसी व्यक्ति का डिजिटल हेल्थ अकाउंट फिर से नहीं ओपन कर सकता है। यह गेम चेंजर होने जा रहा है, क्योंकि अब तक20 करोड़ से अधिक लोगों ने एबीएचए अकाउंट खोला है। यह एक बहुत बड़ा अभियान है और विश्व में अपनी तरह का पहला भी।
विपिन/ ईएमएस/ 05 अगस्त 2022
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